मुंडन, जिसे चूड़ाकरण भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू परंपरा है जो आमतौर पर शिशु लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए कुछ महीनों से लेकर तीन वर्ष की आयु के बीच की जाती है। इसमें शिशु के बाल पहली बार मुंडवाए जाते हैं।
पुजनवाले मुंडन सेवा प्रदान करते हैं।