नामकरण, जो भारत में एक महत्वपूर्ण परंपरा है, नवजात शिशु का औपचारिक नामकरण समारोह होता है। यह हिंदू संस्कृति में गहराई से निहित है और विभिन्न क्षेत्रों एवं समुदायों में इसकी विविधताएं पाई जाती हैं। “नामकरण” शब्द स्वयं संस्कृत से लिया गया है, जहाँ “नाम” का अर्थ है नाम और “करण” का अर्थ है सृजन या प्रदान करना। यह समारोह केवल एक नाम देने की प्रक्रिया नहीं है; इसे बच्चे की पहचान और भाग्य को आकार देने वाला माना जाता है, जो उसे उसके परिवार, परंपराओं और ब्रह्मांड से जोड़ता है।
पूजनवाले यह विशेष सेवा प्रदान करते हैं।