मोहिनी एकादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस एकादशी का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके देवताओं को असुरों से अमृत वापस दिलाया था।
इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाने वाला और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है। इस दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है।
मोहिनी एकादशी का यह पावन व्रत 10 मई 2025 को रखा जाएगा। एकादशी तिथि का आरंभ 9 मई 2025 को शाम 05 बजकर 56 मिनट पर होगा और इसकी समाप्ति 10 मई 2025 को शाम 07 बजकर 38 मिनट पर होगी। व्रत का पारण अगले दिन, यानी 11 मई 2025 को किया जाएगा। पारण के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 32 मिनट से सुबह 08 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।
व्रत की तैयारी (दशमी के दिन):
एकादशी के दिन:
मोहिनी एकादशी का हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व है। यह एकादशी भगवान विष्णु के मोहिनी रूप को समर्पित है, जो उन्होंने समुद्र मंथन के दौरान देवताओं को अमृत दिलाने के लिए धारण किया था। इस दिन व्रत रखने का बहुत महत्व माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से मनुष्य मोह-माया के बंधनों से मुक्त होता है और सांसारिक इच्छाओं पर विजय प्राप्त करता है।
यह व्रत पापों का नाश करने वाला और पुण्य प्रदान करने वाला माना जाता है। भक्तों का मानना है कि मोहिनी एकादशी का पालन करने से उन्हें मानसिक शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और कथा सुनने से जीवन में सुख और सौभाग्य की वृद्धि होती है। यह एकादशी व्यक्ति को धार्मिकता और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है, जिससे अंततः मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।